amiet
Friday, 31 August 2012
GEEAT SAAR
क्यों ब्यर्थ चिंता करते हो क्या लेकर तुम आये थे जो खो गया? तुम खाली हाँथ आये थे खालीहाँथ ही जाओगे.जो लिया यहीं लिया जो दिया यहीं दिया. अगर अच्छा नाम छोड़ कर जाना है दुनिया में तो आओ हम मित्र बने
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